Nelson Mandela
2.
Nelson Mandela : Long Walk to Freedom
• Nelson Rolihlahla Mandela
TENTH May dawned bright and clear. For the past few days I had been pleasantly besieged by dignitaries and world leaders who were coming to pay their respects before the inauguration. The inauguration would be the largest gathering ever of international leaders on South African soil.
10 मई का दिन चमकीला और स्वच्छ निकला। पिछले कुछ दिनों से मैं प्रसन्नतापूर्ण संसार के गणमान्य लोगों एवं नेताओं से गरा रहा था जो उद्घाटन से पहले अपना सम्मान अदा करने के लिए आ रहे थे। प्रतिष्ठापर्व दक्षिण अफ्रीका की भूमि पर अंतरराष्ट्रीय नेताओं के एकत्रित होने का सबसे बड़ा अवसर था।
The ceremonies took place in the lovely sandstone amphitheatre formed by the Union Buildings in Pretoria. For decades this had been the seat of white supremacy, and now it was the site of a rainbow gathering of different colours and nations for the installation of South Africa’s first democratic, non-racial government.
समारोह सुंदर सैंडस्टोन से बनी रंगशाला में जो प्रिटोरिया से में यूनियन इमारतों में से एक थी, संपन्न हुआ था। अनेकों दशकों तक या श्वेत के एकाधिकार का केंद्र रहा था, और अब यह विभिन्न रंगों एवं राष्ट्रों की एकत्रित होने पर बने इंद्रधनुष का स्थान था, जिसमें दक्षिणी अफ्रीका की प्रथम प्रजातांत्रिक, जाति- विहीन सरकार की स्थापना का स्थान था।
On that lovely autumn day I was accompanied by my daughter Zenani. On the podium, Mr de Klerk was first sworn in as second deputy president. Then Thabo Mbeki was sworn in as first deputy president. When it was my turn, I pledged to obey and uphold the Constitution and to devote myself to the well- being of the Republic and its people. To the assembled guests and the watching world, I said:
उसे सुंदर पतझड़ ऋतु के दिन, मैं, अपनी बेटी जेनानी के साथ था। प्लेटफार्म पर (मंच पर), मिस्टर डी क्लर्क को सर्वप्रथम द्वितीय उपराष्ट्रपति के रूप में शपथ दिलाई गई। तब टाबो म्बेकी को प्रथम उप राष्ट्रपति के रूप में शपथ दिलाई गई। जब मेरी बारी आई, तो मैंने संविधान का पालन करने तथा उस पर अडिग रहने और गणतंत्र तथा उसके लोगों की भलाई के लिए स्वयं अर्पित करने की शपथ ली। एकत्रित मेहमानों और देखने वाले संसार को, मैंने कहा :
Today, all of us do, by our presence here... confer glory and hope to newborn liberty. Out of the experience of an extraordinary human disaster that lasted too long, must be born a society of which all humanity will be proud.
आज हम सभी अपनी यहां उपस्थिति के द्वारा... नवजात स्वच्छंदता को शान और उम्मीद प्रदान करते हैं। बहुत लंबे समय तक जारी विशेष मानवीय आपदाओं के अनुभव के बाद, एक ऐसे समाज का जन्म होना आवश्यक है जिस पर संपूर्ण मानवता को गर्व होगा।
We, who were outlaws not so long ago, have today been given the rare privilege to be host to the nations of the world on our own soil. We thank all of our distinguished international guests for having come to take possession with the people of our country of what is, after all, a common victory for justice, for peace, for human dignity.
हम, जो इतने लंबे समय तक दुनिया से कटे रहें, आज हमें संसार के अनेकों राष्ट्रों की हमारी स्वयं की धरती पर मेजबानी करने का दुर्लभ अवसर मिला है। हम हमारे सभी विशिष्ट अंतरराष्ट्रीय में मेहमानों का धन्यवाद करते हैं कि वे हमारे अपने लोगों के साथ न्याय, शांति और मानवीय शान की विजय को अपनाने के लिए पधारे हैं।
We have, at last, achieved our political emancipation. We pledge ourselves to liberate all our people from the continuing bondage of poverty, deprivation, suffering, gender and other discrimination.
हमने, अंत में अपनी राजनैतिक मुक्ति प्राप्त कर ली है। हम स्वयं अपने लोगों को निरंतर जारी गरीबी- अभाव, दु:ख, लिंग- भेद तथा अन्य भेदभाव से मुक्त करने की शपथ लेते हैं।
Never, never, and never again shall it be that this beautiful land will again experience the oppression of one by another.
अब इस सुंदर धरती पर एक का दूसरे के द्वारा शोषण एक कभी नहीं होगा।
The sun shall never set on so glorious a human achievement. Let freedom reign. God bless Africa!
इतनी शानदार मानवीय उपलब्धि का सूर्य कभी अस्त नहीं होगा। स्वतंत्रता का साम्राज्य रहे! परमात्मा अफ्रीका को वरदान दे!
A few moments later we all lifted our eyes in awe as a spectacular array of South African jets, helicopters and troop carriers roared in perfect formation over the Union Buildings. It was not only a display of pinpoint precision and military force, but a demonstration of the military’s loyalty to democracy, to a new government that had been freely and fairly elected. Only moments before, the highest generals of the South African defence force and police, their chests bedecked with ribbons and medals from days gone by, saluted me and pledged their loyalty. I was not unmindful of the fact that not so many years before they would not have saluted but arrested me. Finally a chevron of Impala jets left a smoke trail of the black, red, green, blue and gold of the new South African flag.
कुछ ही क्षणों के बाद हम सभी ने अपने आंखें भय के साथ ऊपर उठाई क्योंकि यूनियन बिल्डिंग के ऊपर दक्षिणी अफ्रीकन जेट, हेलीकॉप्टर और लड़ाकू विमानो की दहाड़ का एक शानदार नजारा था। यह न केवल एकदम सही तालमेल और फौजी शक्ति का प्रदर्शन था, बल्कि फौज का प्रजातंत्र तथा नई सरकार के प्रति जो स्वतंत्र रूप से चुनी गई थी वफादारी का भी प्रदर्शन था। कुछ क्षण पहले दक्षिणी अफ्रीकन सुरक्षा बल एवं पुलिस के उत्तम जनरल ने, जिनकी छातियाँ रिबन और मेडलों से सजी हुई थी, ने मुझे सैल्यूट किया और अपनी वफादारी की शपथ ली। मैं इस बात को नहीं भुला पाया था कि कुछ साल पहले वे सैल्यूट नहीं बल्कि मुझे गिरफ्तार किया था। अंत में, इस्पाला जैट विमानों ने दक्षिणी अफ्रीका के नए झंडे के V आकार के पैटर्न में काली, लाल, हरे, नीली और सुनहरे रंग का धुँवा छोड़ा।
The day was symbolised for me by the playing of our two national anthems, and the vision of whites singing ‘Nkosi Sikelel –iAfrika’ and blacks singing ‘Die Stem’, the old anthem of the Republic. Although that day neither group knew the lyrics of the anthem they once despised, they would soon know the words by heart.
हमारे दो राष्ट्रीय गीतों के गायन द्वारा यह दिन मेरे लिए एक प्रतीक बन गया था और श्वेत लोगों का स्वप्न 'Nkosi Sikeleli - Africa' और काले लोग जो गणतंत्र का पुराना राष्ट्रीय गान गा रहे थे। 'Die steam, यद्यपि उस दिन दोनों में से कोई दल राष्ट्रीय गान का सही लय नहीं जानता था जिससे वे दोनों नफरत करते थे लेकिन वे शीघ्र ही इसके शब्दों को दिल में याद कर लेंगे।
On the day of the inauguration, I was overwhelmed with a sense of history. In the first decade of the twentieth century, a few years after the bitter Anglo-Boer war and before my own birth, the white-skinned peoples of South Africa patched up their differences and erected a system of racial domination against the dark-skinned peoples of their own land. The structure they created formed the basis of one of the harshest, most inhumane, societies the world has ever known. Now, in the last decade of the twentieth century, and my own eighth decade as a man, that system had been overturned forever and replaced by one that recognised the rights and freedoms of all peoples, regardless of the colour of their skin.
उद्घाटन वाले दिन, मैं इतिहास की भावना से ओत-प्रोत था। बीसवीं सदी के प्रथम दशक में भयंकर Anglo -Boer War के बाद तथा मेरे स्वयं के जन्म से पहले, दक्षिण अफ्रीका के श्वेत चमड़ी वाले लोगों ने अपने भेदभाव खत्म कर लिए थे अपने स्वयं के देश की काली चमड़ी वाले लोगों के विरुद्ध जातीय प्रभुत्व वाली एक व्यवस्था का निर्माण किया लिया था। उस ढांचे ने जो उन्होंने खड़ा किया था, संसार की एक सबसे कठोर, सबसे अमानवीय समाज का आधार बना दिया था। बीसवीं सदी के अंतिम दशक में, और एक आदमी के रूप में मेरे स्वयं के आठवें दशक में वह ढांचा हमेशा के लिए बदल गया है और उसका स्थान एक ऐसे ढांचे ने ले लिया है, जो सभी लोगों को बिना उनकी चमड़ी के रंग के भेदभाव के समान रूप से अधिकार एवं स्वतंत्रता को पहचानता है।
That day had come about through the unimaginable sacrifices of thousands of my people, people whose suffering and courage can never be counted or repaid. I felt that day, as I have on so many other days, that I was simply the sum of all those African patriots who had gone before me. That long and noble line ended and now began again with me. I was pained that I was not able to thank them and that they were not able to see what their sacrifices had wrought.
वह दिन में हजारों लोगों के और काल्पनिक कुर्बानियों के द्वारा आया था, उन लोगों के कष्टों तथा साहस की कभी गिनती नहीं की जा सकती, नाही उनकी कीमत चुकाई जा सकती है। मैंने उस दिन महसूस किया जैसा मैंने अनेकों अन्य की दिन किया था, कि मैं तो मात्र उन सब अफ्रीकी देशभक्तों का योग था जो मुझसे पहले जा चुके थे। वह लंबी और श्रेष्ठ कतार समाप्त हुई और दोबारा मेरे साथ शुरू हुई। मुझे यह सोच कर दुख था कि मैं उन लोगों का धन्यवाद नहीं कर पाया और वह उनके बलिदानों के फलस्वरूप प्राप्त होने वाली उपलब्धि को नहीं देख सके।
The policy of apartheid created a deep and lasting wound in my country and my people. All of us will spend many years, if not generations, recovering from that profound hurt. But the decades of oppression and brutality had another, unintended, effect, and that was that it produced the Oliver Tambos, the Walter Sisulus, the Chief Luthulis, the Yusuf Dadoos, the Bram Fischers, the Robert Sobukwes of our time* — men of such extraordinary courage, wisdom and generosity that their like may never be known again. Perhaps it requires such depths of oppression to create such heights of character. My country is rich in the minerals and gems that lie beneath its soil, but I have always known that its greatest wealth is its people, finer and truer than the purest diamonds.
रंगभेद की नीति ने मेरे देश और मेरे लोगों को एक गहरा तथा कभी न भरने वाला घाव दिया था। हम सब यदि अनेकों पीढ़ियां नहीं, तो अनेकों वर्ष बिताएंगे, उस गहरे जख्म को भरने के लिए। लेकिन अनेक दशकों के दमन (अत्याचार) एवं निर्यदता का एक अन्य अप्रत्यक्ष प्रभाव ही था जिसने ओलिवर टैंबोस, वाल्टर सिसुलस, चीफ लुथुलिस, यूसुफ डैडुस, ब्राम फिशर, राबर्ट सुबुक्वस जैसे अद्भुत साहस, बुद्धि और नेकी से पूर्ण लोगों को पैदा किया था जो शायद फिर कभी नहीं होंगे। शायद ऐसे चरित्र की ऊंचाइयों का निर्माण करने के लिए बहुत गहराई वाले दमन (अत्याचार) की जरूरत पड़ती है। मेरा देश खनिजों और हीरे मोतियों से पूर्ण है। जो इसकी भूमि के नीचे दबे पड़े हैं लेकिन मैंने सारा वहीं आ जाना है कि इसकी महानता दौलत इसके लोग हैं जोश शुद्धता हीरो से भी अधिक सुंदर एवं सच्चे हैं।
It is from these comrades in the struggle that I learned the meaning of courage. Time and again, I have seen men and women risk and give their lives for an idea. I have seen men stand up to attacks and torture without breaking, showing a strength and resilience that defies the imagination. I learned that courage was not the absence of fear, but the triumph over it. The brave man is not he who does not feel afraid, but he who conquers that fear.
संघर्ष के दौरान इन्हीं साथियों से मैंने साहस का अर्थ सीखा। समय-समय पर मैंने पुरुषों और स्त्रियों को एक सिद्धांत के लिए खतरा मोल लेते हुए अपने जीवन की कुर्बानियां देते हुए देखा है। मैंने पुरुषों को हमले एवं यातनाओं को बिना थके हुए, ताकत और दृढ़ता का प्रदर्शन करते हुए देखा है, जिसकी कल्पना भी नहीं की जा सकती। मैंने सीखा कि साहस निडरता का न होना नहीं है, बल्कि डर पर विजय प्राप्त करना है। वह व्यक्ति बहादुर नहीं होता है जो डरता नहीं है, बल्कि वह तो उस समय भय पर विजय प्राप्त करता है।
No one is born hating another person because of the colour of his skin, or his background, or his religion. People must learn to hate, and if they can learn to hate, they can be taught to love, for love comes more naturally to the human heart than its opposite. Even in the grimmest times in prison, when my comrades and I were pushed to our limits, I would see a glimmer of humanity in one of the guards, perhaps just for a second, but it was enough to reassure me and keep me going. Man’s goodness is a flame that can be hidden but never extinguished.
कोई भी व्यक्ति जन्म से दूसरे व्यक्ति से उसकी चमड़ी के रंग अथवा उसकी पृष्ठभूमि अथवा उसके धर्म के कारण घृणा नहीं करता। लोगों को घृणा करने के लिए घृणा की शिक्षा दी जाती है, यदि वे घृणा करना सीख सकते हैं तो उन्हें प्यार करना भी सिखाया जा सकता है, क्योंकि मानव हृदय में घृणा के बजाय प्यार की भावना ज्यादा स्वाभाविक रूप से उत्पन्न होती है। जेल के दौरान गंभीरतम समय में भी, जब मेरे साथियों और मुझे असहनीय यातनाएं दी गई थी, मैं एक संतरी में मानवता की झलक देखा करता था, शायद एक सेकेंड के लिए लेकिन या मुझे आश्वस्त करने और मुझे जारी रखने के लिए पर्याप्त थी। मनुष्य की नेकी (अच्छाई) एक लौ है जिसे छुपाया तो जा सकता है लेकिन कभी बुझाया नहीं जा सकता।
In life, every man has twin obligations — obligations to his family, to his parents, to his wife and children; and he has an obligation to his people, his community, his country. In a civil and humane society, each man is able to fulfil those obligations according to his own inclinations and abilities. But in a country like South Africa, it was almost impossible for a man of my birth and colour to fulfil both of those obligations. In South Africa, a man of colour who attempted to live as a human being was punished and isolated. In South Africa, a man who tried to fulfil his duty to his people was inevitably ripped from his family and his home and was forced to live a life apart, a twilight existence of secrecy and rebellion. I did not in the beginning choose to place my people above my family, but in attempting to serve my people, I found that I was prevented from fulfilling my obligations as a son, a brother, a father and a husband.
जीवन में, प्रत्येक आदमी के दोहरे कर्तव्य होते हैं अपने परिवार के प्रति, अपने माता पिता, उसकी पत्नी और बच्चों के प्रति और उसका एक कर्तव्य अपने लोगों, अपने समुदाय, अपने देश के प्रति। एक सभ्य एवं मानवीय समाज में, प्रत्येक व्यक्ति इन कर्तव्यों का पालन अपनी स्वयं की प्रवृत्तियों एवं योग्यताओं के अनुसार पूर्ण करने के योग्य होता है। लेकिन दक्षिण अफ्रीका जैसे देश में, मेरे जैसे जन्म और रंग के व्यक्ति के लिए दोनों कर्तव्यों को पूर्ण करना लगभग असंभव था। दक्षिण अफ्रीका में, एक व्यक्ति जो एक मानव प्राणी की भांति रहने का प्रयास करता था, उसे दंडित किया जाता था और अलग-थलग किया जाता था। दक्षिण अफ्रीका में, ऐसा व्यक्ति जो अपने लोगों के प्रति अपने कर्तव्य को पूर्ण करने की कोशिश करता था, उसे उसके परिवार और उसके घर में उसे अलग कर दिया जाता था और उसे एक अलग जीवन बिताने के लिए मजबूर किया जाता था, रहस्य और विद्रोह के हल्के प्रकाश का जीवन। शुरू में मैंने अपने लोगों को अपने परिवार से ऊपर अहमियत (महत्व) नहीं दी। परंतु अपने लोगों की सेवा करने की कोशिश में मैंने पाया कि मुझे एक बेटे के रूप में, एक भाई के रूप में, एक पिता के रूप में और एक पति के रूप में जिम्मेवारी निभाने से रोका गया था।
I was not born with a hunger to be free. I was born free — free in every way that I could know. Free to run in the fields near my mother’s hut, free to swim in the clear stream that ran through my village, free to roast mealies under the stars and ride the broad backs of slow-moving bulls. As long as I obeyed my father and abided by the customs of my tribe, I was not troubled by the laws of man or God.
मैं आजाद होने की चाह के साथ नहीं जन्मा था। मैं आजाद पैदा हुआ था हर तरह से आजाद जो मैं जान सकता था। मेरी मां की कुटिया के पास दौड़ने के लिए आजाद, मेरे गांव से होकर गुजरने वाली नदी के पानी में तैरने के लिए आजाद, तारों के नीचे मेरा भोजन पकाने और धीमें चलने वाले बैलों की चौड़ी पीठ पर सवारी करने के लिए आजाद था। जब तक मैंने अपने पिता की आज्ञा का पालन किया और अपने कबीले के रिवाजों को माना, मैं आदमी या भगवान के नियमों द्वारा परेशान नहीं था।
It was only when I began to learn that my boyhood freedom was an illusion, when I discovered as a young man that my freedom had already been taken from me, that I began to hunger for it. At first, as a student, I wanted freedom only for myself, the transitory freedoms of being able to stay out at night, read what I pleased and go where I chose. Later, as a young man in Johannesburg, I yearned for the basic and honourable freedoms of achieving my potential, of earning my keep, of marrying and having a family — the freedom not to be obstructed in a lawful life.
मैंने यह जाना कि मेरे लड़कपन की आजादी एक छलावा (भ्रम) थी, तब एक नवयुवक के रूप में मुझे पता चला कि मेरी आजादी पहले ही मुझसे छीनी जा चुकी है और मैं इसके लिए फड़फड़ाने लगा था। शुरू में एक विद्यार्थी के रूप में मैं केवल स्वयं के लिए आजादी चाहता था, रात को बाहर रहने की क्षणिक आजादी, अपनी इच्छा अनुसार पढ़ने की आजादी, इच्छा के अनुसार कहीं भी जाने की आजादी। बाद में जोहांसबर्ग में एक जवान व्यक्ति के रूप में मैं अपने अंदर की शक्ति को प्राप्त करने, स्वयं की कमाई कमाने, विवाह करने और एक परिवार रखने की आधारभूत और सम्मानजनक आजादी के लिए तड़पता था वह आजादी जो नियमानुसार जीवन में कभी बांधा ना बने।
But then I slowly saw that not only was I not free, but my brothers and sisters were not free. I saw that it was not just my freedom that was curtailed, but the freedom of everyone who looked like I did. That is when I joined the African National Congress, and that is when the hunger for my own freedom became the greater hunger for the freedom of my people. It was this desire for the freedom
of my people to live their lives with dignity and self- respect that animated my life, that transformed a frightened young man into a bold one, that drove a law-abiding attorney to become a criminal, that turned a family-loving husband into a man without a home, that forced a life-loving man to live like a monk. I am no more virtuous or self-sacrificing than the next man, but I found that I could not even enjoy the poor and limited freedoms I was allowed when I knew my people were not free. Freedom is indivisible; the chains on anyone of my people were the chains on all of them, the chains on all of my people were the chains on me.लेकिन तब मैंने धीरे-धीरे देखा कि मैं न केवल परतंत्र था, बल्कि मेरे भाई और बहनें भी आजाद नहीं थी। मैंने देखा कि केवल मेरी ही आजादी पर प्रतिबंध नहीं था, लेकिन मेरे जैसे दिखने वाले प्रत्येक व्यक्ति की आजादी पर प्रतिबंध था। उस समय मैं अफ्रीकन नेशनल कांग्रेस मैं शामिल हो गया और उस समय मेरी स्वयं की आजादी की भूख मेरे लोगों की आजादी के लिए ज्यादा बड़ी भूख बन गई। मेरे लोगों की सम्मान से जीने की यही आजादी थी जिसने मेरे जीवन को गति माय बना दिया था, जिसने एक भयभीत युवक को साहसी व्यक्ति में बदल दिया, जिसने एक कानून का पालन करने वाले अटार्नी को अपराधी बना दिया, जिसने परिवार को प्यार करने वाले पति को बेघर बना दिया, जिसने जीवन को प्यार करने वाले व्यक्ति को एक भिक्षुक में बदल दिया था। मैं अगले व्यक्ति से अधिक गुणी और आत्म- बलिदानी नहीं हूं। लेकिन मैंने पाया कि मेरे लोग आजाद नहीं है तो मुझे मिली थोड़ी सी आजादी भी मुझे आनंद नहीं दे रही थी। आजादी अविभाज्य होती है, मेरे लोगों में से एक के ऊपर पड़ी जंजीर भी सभी पर पड़ी जंजीरों के समान थी, मेरे सभी लोगों पर पड़ी जंजीरे मुझ पर पड़ी जंजीर थी।
I knew that the oppressor must be liberated just as surely as the oppressed. A man who takes away another man’s freedom is a prisoner of hatred; he is locked behind the bars of prejudice and narrow- mindedness. I am not truly free if I am taking away someone else’s freedom, just as surely as I am not free when my freedom is taken from me. The oppressed and the oppressor alike are robbed of their humanity.
मैं जानता था कि दमनकारी को उसी प्रकार आजाद करना पड़ता है जिस प्रकार पीड़ित को। एक व्यक्ति जो दूसरे की आजादी का हनन करता है, खुद नफरत का कैदी होता है, वह संकीर्ण दिमाग एवं पूर्वाग्रह की सलाखों में बंद होता है। मैं सही अर्थ में स्वतंत्र नहीं हूं यदि मैं किसी की आजादी छीनता हूं, उसी प्रकार जैसे कि मुझसे मेरी आजादी छीन ली जाए। गुलाम बनाने वाला और गुलाम समान रूप से मानवता से वंचित होते हैं।
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