Mijbil the Otter
8.
Mijbil the Otter
• Gavin Maxwell
I
Early in the New Year of 1956 I travelled to Southern Iraq. By then it had crossed my mind that I should lide to keep an other instead of a dog, and that Camusfearna, ringed by water a stne's throw from its door, would be an eminently suitable spot for this experiment.
1956 के नववर्ष के प्रारम्भ में मैं दक्षिण इराक की यात्रा पर गया । तब तक मैं अपना मन बना चुका था कि मुझे कुत्ते की जगह ऊदबिलाव पालना है , और कैम्सफेरना , जिससे थोड़ी ही दूरी पर पानी है , इस प्रयोग के लिए उपयुक्त होगा ।
When I caually mentioned this to a friend, he as casually replied that I had better get one in the Tigris marshes, for there they were as commmon as mosquitoes, and were often tamed by the Arabs.We were going to Basra to the Consulate-General to collect and answer our mail from Europe. At the Consulate-General we found that my friend's mail had arrived but that mine had not.
जब मैंने यू ही अपने मित्र को यह बताया तो उसने तुरंत उत्तर दिया कि मुझे टिगरिस के दलदल में बेहतर मिल सकता है , क्योंकि वहाँ ये मच्छरों की तरह होते हैं और प्रायः अरब उन्हें पालतू बना लेते हैं । हम बसरा कंसलेट - जनरल के दफ्तर में अपनी यूरोप की डाक लेने और उसका उत्तर देने जा रहे थे । कॉन्सुलेट - जनरल में हमने पाया कि मेरे मित्र की डाक आ गई थी , परंतु मेरी नहीं आई ।
I cabled to England, and when, three days later, nothing had happened, I tried to telephone. The call had to be booked twenty-tour hours in advance. On the first day the line was out of order; on the second the exchange was closed for a religious holiday. On the third day there was another breakdown. My friend left, and I arranged to meet him in a week's Five days later, my mail arrived.
मैंने इंग्लैण्ड केबल ( तार ) किया और जब तीन दिन बाद कुछ नहीं हुआ तो मैंने फोन करने का प्रयत्न किया । कॉल 24 घण्टे पहले बुक करानी पड़ती थी , दूसरे दिन धार्मिक अवकाश के कारण एक्सचेंज बंद था । तीसरे दिन एक और रूकावट थी । मेरा मित्र चला गया और उसे एक सप्ताह में मिलने को सोचा । पांच दिन बाद मेरी डाक आई ।
I crried it to my bedroom to read, and there, sqratting on the floor, were teo Arabs; beside them lay a sack that squirmed from time to time. tney handed me a note from mu friend: "Here is your otter...''
मैं अपने शयन - कक्ष में पढ़ने के लिए गया और वहाँ फर्श पर पालथी मारे दो अरबी थे , उनके पास समय - समय पर छटपटाता बोरा पड़ा था । उन्होंने मुझे मेरे मित्र का एक नोट दिया - " यह है तुम्हारा ऊदबिलाव । " ..........
II
With the opening of that sack began a phase of my life thet has not yet ended, ans may, for all I know, not end before I do. it is, in effect, a thraldom to otters, an otter fixation, that I have since found to be shared by nost other people, who have ever owned one.
बोरा खुलने के साथ ही मेरे जीवन का नया अध्याय आरंभ हुआ जो अब भी समाप्त नहीं हुआ है, जो सब मैं जानता हूँ मुझसे पहले समाप्त नहीं होगा । यह , संभवतः ऊदबिलावों की गुलामी , एक लगाव है , जो उन सब लोगों के साथ मैंने साझा किया है , जिन्होंने कभी ऊदबिलाव रखा है ।
The creature that emerged from this sack on to the opacious tiled floor of the Consulate bedroom resembled most of all a very small, medievallyconceived, dragon. From the head to the tip of the tail he was coated with symmetrical pointed scales of mud armour, between whose tips was visible a soft velvet fur like that of a chocolate-brown mole. He shook himself, and I half expected a cloud of dust, but in fact it was not tor another month that I managed to remove the last of the mud and see the ltter, as it were, in his true colours.
इस बार मैं कॉन्सुलेट के शयनकक्ष के टाइलों वाले फर्श पर एक मध्य युगीन ड्रैगन - सा छोटा प्राणी उभरा । सिर से लेकर पूँछ के सिरे तक एक जैसी मिट्टी की परत बखर की तरह उस पर चढ़ी थी , जिसमें से तिल के समान भूरी चॉकलेट जैसी नर्म मखमली फर दिख रही थी । उसने अपने आपको हिलाया , और मुझे आशा थी एक धूल के बादल की , परंतु पूरी तरह मिट्टी हटाने और ऊदबिलाव को उसके सही रंग में देखने के लिए मुझे एक महीना लगा था ।
Mijbil, as I called the otter, was in fact, of a race previously unknown to science, and was at length christened by zoologists Lutrogale perpicillata maxwelli, or Maxwell's otter. For the first twentyfour hours Mjibil was neither hostile nor friendly; he was simply aloof and indifferent, choosing to sleep on the floor as far from my bed as possible. The second night Mijbil came on to my bed in the small hours and remained asleep in the crook of far from my knees until the servant brought tea in the morning, and during the day he began to lose his apathy and take a keen, much too too keen, interest in his surroundings, I made a body-=belt for him and took him on a lead to the bathroom, where for half an hour he went wild with joy in the water, plunging and rolling in it, shooting up and down the length of the bathtub underwater, and making enough slosh and splash for a hippo. This I was to learn, is a characteristic of otters; every drop of wathe must be, so to speak, extended and spread about the place; a bowl must at once be overturned, or, if will not be overturned, be sat in and sploshed in until it overflows. Water must be kept on the move and made to do things; when static it is wasted and proveking.
मैंने ऊदबिलाव को मिजबिल पुकारा , जो वास्तव में विज्ञान के लिए अनजान प्रजाति थी , जिसे प्राणी वैज्ञानिकों ने लूटोगेल पर्सपिसील्लटा मैक्सवैली या मैक्सवैल के ऊदबिलाव का नाम दिया था । पहले 24 घण्टे मिजबिल ने शुत्रवत् और न ही मित्रवत् रहा , वह एक दूरी बनाए था , मेरे बिस्तर से जितना दूर संभव फर्श पर सोता । दूसरी रात मिजबिल मेरे बिस्तर पर आ गया और मुड़े हुए घुटनों के बीच सोता रहा , जब तक कि नौकर सुबह मेरे लिए चाय लेकर नहीं आया और दिन के दौरान उसकी अरुचि समाप्त होने लगी और वह अपने चारों ओर की वस्तुओं में गहरी बहुत गहरी रुचि लेने लगा । मैंने उसके लिए एक बेल्ट बनाई और उसे स्नान घर ले गया । जहाँ वह आधे घंटे तक खुशी से पागल रहा , डुबकियाँ लगाता , लोटता , बाथटब में पानी के नीचे इधर से उधर तक दौड़ता और हिप्पो से ज्यादा पानी उछालता हुआ । यह मुझे सीखना था , कि ऊदबिलावों का गुण है , कि पानी की प्रत्येक बूंद जहाँ तक हो सके दूर तक फैला दी जाए , कटोरे को तुरंत उलट दिया जाए और यदि यह न उलटे तो अंदर बैठकर इसे उछाला जाए जब तक यह बह नहीं जाता । पानी को चलते रहना चाहिए और कुछ करते रहना चाहिए , जब यह स्थिर हो तो व्यर्थ है और गुस्सा दिलाने वाला है ।
Two days later, Mijbil escaped from my bedroom as I entered it, and I turned to see his tail desappearing round the bend of the corridor that led to the bathroom. By the time I got there he; was up on the end of the bathtub and fumbling at the chromium taps with his paws. I watched, amazed; in less than a minute he had turned the tap far enough to produce a trickle of water, and after a moment would sometimes screw it up still tighter, chittering with irrnitation and disappointment at the tap's failure to cooperate.)
दो दिन बाद जब मैंने कमरे में प्रवेश किया , मिजबिल शयनकक्ष से बच निकला , और मैं मुड़ा तो गलियारे के मोड़ पर जो बाथरूम की ओर जाता था , उसकी अदृश्य होती दुम दिखी । जब तक मैं वहाँ पहुंचा तब तक वह बाथटब के सिरे पर था और अपने पजों से क्रोमियम के नल खोलने का प्रयास कर रहा था मैंने आश्चर्य से देखा कि उसने एक मिनट से पहले ही नल खोल दिया और एक दो क्षण बाद पूरे प्रवाह से पानी गिरने लगा । ( वह सौभाग्यशाली था कि उसने नल सही दिशा में घुमाया , बाद में कई अवसरों पर उसने इसे और कस दिया , नल के सहयोग न करने पर निराशा और खीझ उसे चिढ़ाते हुए ।
Very soon Mijbil would follow me without a lend and come to me when I called his name. He spent most of his time in play, He spent hours shuffling a rubber ball round the room like a four-footed soccer player using all four feet to dribble the ball, and he could also throw it, with a powerful flick of the neck, to a surprising height ad destance. But the real play of an otter is when he lies on his back and juggles with small objects between his paws. Marbles were Mijbil's favourite toys for this pastime; he would lie on his back rolling two or more of them up and down his wide, flat belly without ever dropping one to the floor.
शीघ्र ही मिज बिना नेतृत्व के मेरे पीछे आने लगा और नाम पुकारने पर मेरे पास भी आने लगा । वह अधिकतर समय खेल में बिताता । वह घंटों रबर की गेंद के साथ खेलता ( उलझता ) जैसे एक चौपाए सॉकर ( फुटबाल ) खिलाड़ी की तरह चारों पैरों से गेंद को लुढ़काता । वह इसे फेंक भी सकता था , अपनी गर्दन के शक्तिशाली झटके से एक आश्चर्यजनक ऊंचाई और दूरी तक । परंतु एक ऊदबिलाव का असली खेल है जब वह पीठ के बल लेटकर पंजे के बीच में किसी चीज से खेलता है । कंचे मिज के समय बिताने का प्रिय खिलौना था वह अपनी पीठ के बल लेटकर बिना फर्श पर गिराए अपने चौड़े , सपाट पेट पर उन्हें घुमाता ।
III
The days passed peacefully at Basra, but I dreaded the prospect of transporting Mijbil to England and to Camusfearna. The British airline to London would not fly animals, so I booked a flight to paris on another airline, and from there to London. The airline insisted that mijbil should be packed into a box not more than eighteen inches square, to be carried on the floor at my feet. I had a box made, and an hour before we started, I put Mijbil into the box so that he would become accustomed to it, and left for a hurried meal.
बसरा में दिन शांति से गुजरे , परंतु मैं मिज को इंग्लैण्ड और कैम्सफरना ले जाने के विचार से ही डरता था । लंदन जाने वाली ब्रिटिश एअरलाइन पशुओं को नहीं ले जाती थी । इसलिए मैंने एक और एयरलाइन से पेरिस की उड़ान बुक कराई , और वहाँ से लंदन तक । एयरलाइन वालों से आग्रह किया कि मिज को अट्ठारह इंच के बड़े डिब्बे ( वर्गाकार ) में बंद किया जाए , ताकि वह मेरे पैरों के पास फर्श पर ले जाया जा सके । मेरे पास एक बना हुआ डिब्बा था और रवाना होने से एक घण्टे पहले मैंने मिज को एक डिब्बे में रखा ताकि वह उसका अभ्यस्त हो जाए, और शीघ्रता से खाने के लिए चल दिया।
When I returned, there was an appaling spectacle. There was complete silence from the box, but from its airholes and chinks around the lid, blood had trickled and dried. I whipped aff the lock and fore open the lid, and Mijbil exhausted and bloodspattered and caught at mu leg, He had torn the lining of the box to shreds; when I removed the last of it that there were no cutting edges left, it was just ten minutes until the time of the flight, and the airport was five miles distant. I put the miserable Mijbil back into the box, holding down the lid with my hand.
जब मैं लौटा , तो एक दहलाने वाला दृश्य था । डिब्बे में पूरी शांति थी , परंतु इसके हवा के छिद्रों और ढक्कन के पास की दरारों से खून बहकर , सूख गया था । मैंने जल्दी से ताला उठाया और ढक्कन तोड़कर हटाया और मिज , थका हुआ और खून से सना रे- रे करता हुआ , उसने मेरा पाँव पकड़ा । उसने डिब्बे की किनारी की धज्जियाँ कर दी थी , जब मैंने इसका आखिरी हिस्सा हटाया ताकि कोई काटने वाले किनारे न रह जाएं , तब उड़ान के समय में केवल दस मिनट थे और हवाई अड्डा पाँच मील की दूरी पर था । मैंने मिज को वापस डिब्बे में रखा , ढक्कन हाथ में पकड़े रहा ।
I sat in the back of the car with the box beside me as the driver tore through the streets of Basra lide a ricochetting bullet. The aircraft was waiting to take off; I was rushed through to it by infuriated officials. Luckily, the seat booked for me was at the extreme front. I covered the floor around my feet with newspapers, fang for the air hostess, and gave her a parcel of fish (for Mijbil) to keep in a cool place. I took her into my confidence about the events of the last half hour. I have reained the most protound admiration for that aiir hostess; she was the very queen of her kind. She suggested that I might prefer to have my pet on my knee, and I could hame kessed her hand in the depth of my gratitude. But not knowing otters, I was quite unprepared for what followed.
मैं कार के पीछे डिव्या पास रखकर बैठा जबकि ड्राइवर बसरा की गलियों से गोली की तरह निकला । यान की उड़ान के लिए प्रतिक्षा कर रहा था । भाग्यवश , मेरी बुकसीट बिल्कुल आगे थी , मैंने अपने आस - पास का फर्श अखबारों से ढका , एयरहोस्टेस के लिए घंटी बजाई और उसे मछलियों का एक पार्शल ( मिज के लिए ) ठंडी जगह में रखने को दिया । मैंने उसे विश्वास में लेकर पिछले आधे घण्टे की सारी घटनाएं बताई , मैंने उसका परिचायिका के लिए सबसे गहन प्रशंसा की , वह अपने किस्म की रानी थी , उसने सुझाव दिया कि मुझे अपना पालतू अपने घुटनों पर रखना चाहिए और मैंने आभार की गहराईयों में उसका हाथ चूम लिया होता । परंतु ऊदबिलावों को न जानने वाला , मैं बिल्कुल तैयार न था । उसके लिए जो आगे होने वाला था ।
Mijbil was out of the box in a flash. He desappeared at hige speed down the aircraft. There were squawks and shrieks, and a woman stood up on her seat screaming out,"A rat! A rat! " I caught sight of Mijbil's fail desappering beneath the legs of a portly whiteturbaned Indian. Diving for it, I missed, but found my face covered in curry. "Perhaps," said the air hoteress with the most charming smail, "it would be better if youresumed your seat, and I will find the animal and bring it to you"
मिज झटके में डिबे से बाहर था । वह तेज गति मे यान में गायब हो गया । चीखने - चिल्लाने की आवाजें , और एक औरत अपनी सीट पर खड़ी होकर , “ चूहा - चूहा ! " मुझे एक तगड़े सफेद पगड़ी वाले भारतीय की टांगों के नीचे अदृश्य होती मिज की पूंछ दिखी। उसके लिए कूद लगाई , में चूक गया , पर पाया कि मेरा चेहरा करी से भरा है । 'शायद ' विमान परिचायिका ने अत्यधिक आकर्षक मुस्कान से कहा , “ बेहतर होगा यदि आप अपनी सीट पर जाएँ मै जानवर को ढूंढकर आपके पास ले आऊं ।"
I returned to my seat. I was craning my neck trying to follow the hunt when suddenly I gerad from my feet a destressed chitter of recognition and welcome, and Mijbil bounded on to my knee and began to nuzzle my face and my neck.
मैं अपनी सीट पर लौटा । मैं अपनी गर्दन सीधी कर रहा था उस शिकार का पीछा करने के लिए जब अचानक मैं अपने पैरों के पास स्वागत भरी और पहचान की निराश चीत्कार सुनी इतने में मिज तेजी से मेरे घुटनों पर आ गया और मेरे चेहरे व गर्दन पर नाक रगड़ने लगा ।
After an eventful journey, Maxwell and his otter reach Lamdon, where he has a flat. Mijbil and I remained in London for nearly a month. He would play for hours with a selection of toys, ping-pong balls, marbles, rubber fruit, and a terrapin shell that I had brought back from his native marshes. With the ping-pong ball he invented a game of his own which could deep him engrossed for to half an hour at a time. A suitcsed, that I had taden to Iraq had become damaged on the journey home, so that tha lid, when closed, remained at a slope from one end to the other. Mijbil discovered that if he placed the ball on the high end it would run down the length of the suitcase. He would dash around to the other end to ambush its arrival, hide from it, crouching, to spring up and take it by surprise, grab it and trot off with it to the high end noce more.
मिज और मैं लंदन में एक महीने के लगभग रहे । वह पंटों चुनिंदा खिलौने से खेलता । पिंग - पोंग गेंद , कंचे , रबर के फल और एक कछुए का खेल जो मैं उसके अपने दलदल से लाया था । पिंग - पोग गेंद से उसने एक नए खेल का आविष्कार किया था जो आधे घंटे तक उसकी रुचि बनाए रखता था । एक सूटकेस जो मैं ईराक से ले गया था , घर वापस लौटते हुए यात्रा में पूरी तरह बेकार हो गया था , इस तरह कि जब ढक्कन बंद किया जाता तो एक सिरे से दूसरे तक ढलान बन जाती । मिज ने खोज लिया था कि यदि वह गेंद ऊंचे सिरे पर रखे तो यह दौड़कर दूसरी ओर आती । वह दूसरे सिरे तक इसके आने से पहले छिपकर बैठता , उछलकर हैरानी से इसे पकड़ता और एक बार और इसे ऊंचे सिरे पर रखने को दौड़ता ।
Outside the house I exercised him on a lead, precisely as it he had been a dog. Mijbil quickly developed certain compulsive habits on these walks in the London streets, like the ritusls of children who on their way to and from school must place their feet squarely on the centre of each paving block; must touch every seventh upright of the iron railings, or pass to the outside of every second lamp post. Opposite to my flat was a single-storied primary school, along whose frontage ran a low wall some two feet feet high. On his way home. but never on his way out, Mijbil would tug me to this wall, jump on to it, and gallop the full length of its thirty yards, to the hopeless distraction both of pupils and of staff within.
मैं घर के बाहर व्यायाम के लिए उसे बिल्कुल ऐसे ही लेकर जाता जैसे वह कुता हो । मिज ने शीघ्र ही लंदन की गलियों में घूमने हुए कुछ आदते पकड़ ली , जैसे स्कूल आते - जाते हर एक वर्गाकार पत्थर के बीच अपने पैर रखने जैसे क्रिया - कलाप , लोहे की रेलिग के हर सांतवे हिस्से को छूना या हर दूसरे लैंम्प पोस्ट के बाहर से गुजरना । मेरे फ्लैट के सामने एक मंजिला प्राइमरी स्कूल था , जिसके सामने दो फुट ऊंची एक छोटी दीवार थी । घर वापस आते समय , परंतु घर से बाहर जाते समय नहीं , मिज मुझे खींचकर उस दीवार तक ले जाता , उस पर कूदता , और स्टाफ व बच्चों दोनों से ध्यान हटाकर इस विद्यार्थियों ( शिष्यों ) और कर्मचारियों की निराशाजनक व्याकुलता के भीतर तीस गज की लम्बाई पर दौड़ता ।
It is not, I suppose, in any way stange that the average Londoner should not recognise an other, but the variety of guesses as to what kind of animal this might be came a surprise to me.Otters belong to a comparatively small group of animals called Mustellines, shared by the badger, mongoose, weasel, stoat, mink and others. I faced a cotinuous barrage of conjectural questions that sprayed all the Mustellines but the otter; more random guesses hit on a baby seal' and' a squrirrel.' Is that a walrus, mister?' reduced me to giggles, and outside a dog show I heard 'a hippo' . A beaver, a bear cub, a leopard-one, apparently, that had changed its spots-and a 'brontosaur; Mijbil was anything but an otter.
मेरा अनुमान है . यह किसी प्रकार भी अनोखा नहीं था कि एक औसतन संदन वाला ऊदबिलाव को न पहचाने , परंतु विभिन्न अनुमान यह कि क्या जानवर हो सकता है मुझ तक आश्चर्य की तरह आए । ऊदबिलाव मस्टलिस नामक छोटे जानवर समूह से हैं जिसमें विज , नेवला , विजल , स्टोट , मिंक और अन्य भी हैं । मैंने अनुमानों से भरे सवालों की बौछार का लगातार सामना किया । जिसमें ऊदबिलाव के अतिरिक्त मस्टलिंस थे , ज्यादातर अनुमान बेबी - सील पर आकर रुकते , और गिलहरी पर ' क्या यह दरियाई घोड़ा है , श्रीमान् ? मुझे अशिष्ट हँसी पर मजबूर करते , और एक डॉग शो के बाहर मैंने सुना , ' हिप्पो ! " एक मुखौटा , एक भालू का बच्चा , एक तेंदुआ - एक , जिसने अपना स्थान बदल दिया हो - एक ब्रोटोसार ( विलुप्त डायनासोर ) मिज एक ऊदबिलाव के अतिरिक्त सब था ।
But the question for which I awarded the highest score came from a labourer degging a hole in the street. I was still far from him when he laid down his tool, put his hands on his hips, and begam to stare. As I drew nearer I saw his expression of surprise and and affront, as though he would have me know that he was not one upon whom to play jokes. I came abreast of him; he spat, glared,and then growled out, "Here, Mister- what is that supposed to be?"
परंतु वह प्रश्न जिसके लिए मैंने सबसे ज्यादा अंक दिए , गली में गड्ढा खोदते एक मजदूर की ओर से आया । मैं अभी उससे बहुत दूर था जब उसने अपना औजार रखा , कूल्हों पर हाथ रखे और घूमना प्रारंभ किया । जैसे ही मैं निकट आया मैंने उसके आश्चर्य के भाव से देखें और आमने - सामने हो , जैसे कि वह मुझे बताना चाहता हो कि उसके साथ मजाक नहीं किया जा सकता । मैं उसके पास आया , उसने थूका , क्रोध भरी नजर से देखकर गुर्राया , “ यहाँ श्रीमान - यह क्या है ? "